कांग्रेस ने किया वादा (Congress promised): कांग्रेस ने वरिष्ठ नागरिकों के लिया एक बड़ा निर्णय , जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर फिर मिलेगी भारी छूट

कांग्रेस ने किया वादा (Congress promised):- कांग्रेस कर रही है वरिष्ठ नागरिकों को लुभाने की कोशिश की। जिसमे कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में रेल किराए में रियायत दी जिससे देश के वरिष्ठ नागरिकों को लुभा सकें। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को जाहीर करते हुए कांग्रेस ने रेलवे दशकों से वरिष्ठ पुरुष और महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 फीसदी तक की छूट देता आ रहा है। कोरोना महामारी के दौरान 20 मार्च 2020 को इसे बंद कर दिया गया था। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में रेलवे रियायती कार्ड का मुद्दा उठाकर देश के एक बड़े वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस ने की टिकट पर छूट :-
भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों सहित कुल 54 श्रेणियों में यात्रियों को ट्रेन किराए पर 10 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की रियायतें प्रदान करता है लेकिन कोरोना महामारी के दौरान रेलवे बोर्ड ने सभी रियायतें पर रोक लगा दी थी। हालांकि कोरोना का असर कम होने के बाद रेलवे ने दिव्यांगों, मरीजों और छात्रों की चार श्रेणियों समेत कुल 11 श्रेणियों में रियायतें देनी शुरू कर दी हैं लेकिन वरिष्ठ नागरिकों समेत अन्य श्रेणियों में किराए में छूट सीमित है। वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट देने की मांग समय-समय पर रेलवे यूनियनों, विशेषज्ञों और संसदीय समितियों द्वारा उठाई जाती रही है। हालांकि सरकार का तर्क है कि वह सभी यात्रियों को रेल किराए में 53 फीसदी की छूट दे रही है। यानी ट्रेन परिचालन लागत के हिसाब से 100 रुपये का ट्रेन टिकट 47 रुपये में बेचा जा रहा है।

स्थायी समिति ने दिया रियायत का सुझाव :-
भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेलवे पर संसदीय स्थायी समिति ने मार्च 2023 में संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों को बिना देरी के रेल रियायतें प्रदान करने का सुझाव दिया था।स्थायी समिति ने कहा कि महामारी और कोविड प्रोटोकॉल को मद्देनजर रखते हुए रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों सहित विभिन्न श्रेणियों को दी जाने वाली रियायतें पर रोक लगा दी। रेलवे 58 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को ट्रेन किराये में 50 फीसदी और 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को 40 फीसदी की छूट देता है।

स्थायी समिति के मुताबिक रेलवे का राजस्व पटरी पर लौट रहा है। ट्रेनों के AC-3 और Sleeper Class में वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देने की जरूरत है क्योंकी आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक इसका लाभ उठा सकें। रेलवे को इस मुद्दे पर भावनात्मक तरीके से विचार करना चाहिए। समिति ने इसे अगस्त 2022 में लागू करने को भी कहा था।

किराये में जरूरत है छूट देने की :-
रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन विवेक सहाय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट देने की जरूरत है। सभी प्रकार के रेल किरायों में छूट के कारण रेलवे को सालाना 1800 करोड़ रुपये का घाटा होता है। रेलवे देश का राष्ट्रीय परिवहन है और अधिकांश आम लोगों के लिए परिवहन का मुख्य साधन है। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत यह वरिष्ठजनों का अधिकार है। आख़िर सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर सालाना हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च करती है।

यूनियन ने लिखा कई बार पत्र :-
रेलवे यूनियन AIRF के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में छूट देना मुख्य एजेंडा रहा है। इस संबंध में हमने कई बार रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। सालाना करीब 800 करोड़ रेल यात्री यात्रा करते हैं। इनमें से नौ करोड़ रेल यात्री वरिष्ठ नागरिक हैं।

रेलवे देता है 54 श्रेणियों में रियायतें:-
रेलवे वरिष्ठ नागरिकों समेत कुल 54 श्रेणियों में ट्रेन किराये में छूट देता है। इसमें प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्तकर्ता, वरिष्ठ नागरिक, खिलाड़ी, कलाकार, विधवाएं, छात्र, मूक-बधिर, अंधे, विकलांग, मानसिक रोगी, विकलांग यात्री, खिलाड़ी, कलाकार, फिल्म तकनीशियन, पुलिस, सेना, शहीद अर्धसैनिक शामिल हैं। आतंकवाद से लड़ना. बल कर्मियों की विधवाओं आदि को रेल किराये में 10 से 100 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है।

Leave a Comment