Brokers Booked Tickets: आखिर किस तरह दलालो ने की टिकट की लम्बी लाइन को खत्म , जान के हो जाओगे हैरान , रह जायेगी आँखे खुली की खुली आखिर कौनसी अपनाते है ये ट्रिक

Brokers Booked Tickets:- टिकट काउंटर से या फिर खुद से टिकट बुक करने पर आपको कन्फर्म टिकट नहीं मिलता है। लेकिन दलालों के पास एक ऐसी तरकीब होती है जिससे वो आपको कन्फर्म टिकट दे सकते हैं। फिर भी आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कई बार ये खुफिया जानकारी यात्रियों को परेशानी में डाल सकती है।

कैसे होती है टिकट कन्फर्म:-
जैसे की आप सभी जानते है की टिकट के लिए लम्बी लाइन या फिर काफी वेटिंग लिस्ट रहती है। जो दलाल होते है उनके पास ऐसी ट्रिक होती है जिसे वो आपको एक कन्फर्म टिकट देते है लेकिन आपको सावधान भी रहना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसा होता है की टिकट कन्फर्म होने पर भी डुबलीकेट हो सकती है। तो आखिरकर किस तरह करते है ये टिकट को कन्फर्म।

आजकल ट्रेनों में भीड़ काफी बढ़ गई है। अगर हमें कहीं जाना भी है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हमें बिना किसी कोटा के कन्फर्म टिकट मिल जाएगा। यही कारण है कि अब लोगों को 2-3 महीने पहले ही ट्रेन टिकट बुक करना पड़ता है ताकि आखिरी वक्त पर उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। यह समस्या अक्सर तब होती है जब आप काउंटर पर जाते हैं या खुद टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं।
लेकिन आपने देखा होगा कि जो टिकट आपको नहीं मिल रहे हैं वो दलालों के जरिए आसानी से मिल जाते हैं। ट्रेन में चाहे कितनी भी लंबी वेटिंग लिस्ट क्यों न हो लेकिन फिर भी दलाल मिनटों में टिकट कन्फर्म कर देता है। हालांकि, इसके लिए यात्रियों से दोगुनी या तिगुनी कीमत वसूली जाती है। लेकिन सवाल यह है कि दलाल लंबी वेटिंग वाले टिकट कैसे कन्फर्म करते हैं। तो इसके पीछे एक चाल है।

आइये आपको इसकी पूरी जानकारी देते है की वो आखिर कौनसी अपनाते है ट्रिक।

कैसे होती है पूरी प्रक्रिया:-
यदि टिकट किसी अन्य नाम से बुक किया गया है तो 100 प्रतिशत संभावना है कि आपका नाम टिकट पर नहीं होगा। बल्कि दलाल आपसे कहेगा कि टीटीई आईडी नहीं मांगेगा। दरअसल दलाल टिकट काउंटर से अलग-अलग नाम से टिकट बुक करते हैं। जब आप उससे किसी जगह के लिए कन्फर्म टिकट मांगते हैं तो वह आपसे दोगुना पैसा वसूलता है और आपको टिकट देता है और कहता है कि कन्फर्मेशन के लिए टीटीई आपकी आईडी नहीं मांगेगा बल्कि सिर्फ आपका नाम पूछेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि टिकट काउंटर से टिकट खरीदते समय आईडी नहीं पूछी जाती। इसलिए ब्रोकर आपसे बदला हुआ नाम बताने को कहता है।

जोखिम भरा है ये मामला:-
अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो आप टीटीई लिस्ट में अपना नाम देखकर आगे बढ़ जाएंगे, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। अगर टीटीई को कोई संदेह हो तो वह आपसे आईडी प्रूफ मांग सकता है। आईडी और टिकट का नाम मेल नहीं खाने पर आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
इससे सीट भी जायेगी और पैसा भी जायेगा।
जिससे ऐसे में सीट सबसे पहले जाती है। ये सीट आपको महंगी पड़ सकती है। क्योंकि आपने इस सीट के लिए दलाल को दो से तीन गुना ज्यादा पैसे दिए हैं और नकली टिकट दिखाने पर टीटीई आपसे जुर्माना वसूल करेगा। इसके बाद आपको नया टिकट खरीदना होगा, वह भी वेटिंग लिस्ट में। इसका मतलब है कि सीट तो जाएगी ही, पैसा भी खूब खर्च होगा।

General or Waiting Ticket Rate:-
कन्फर्म टिकट देने के लिए दलाल 400 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक का टिकट देते हैं। इसलिए दलालों के जरिए टिकट बुक करने की बजाय सीधे टिकट काउंटर से बुक करें। अगर टिकट वेटिंग लिस्ट का है तो भी कम से कम आपको इन सब परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और यात्रा भी सुखद होगी।

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